हिन्दीकहानी स्वभाव में रहो पूरा अस्तित्व स्वाभाविक है हमसे कर्म स्वभाव के अनुसार होत निष्प्रयोजन कार्य सहज बनाते लालच में पढ़े लिखे भी कहाँ खो गए भीड़ में आते-जाते वो बादल भी खोया वो मौसम भी छूटा भी ऐसे मेज़बान दहेज किरायेदार

Hindi प्रयोजन में भी निष्प्रयोजन Stories